# मौलिक अधिकारों के उल्लेख का ऐतिहासिक परिदृश्य
मौलिक अधिकारों के उल्लेख का ऐतिहासिक परिदृश्य : मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित उपबंधों का समावेश आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्था का एक आधारभूत लक्षण है। भारतीय संविधान के भाग तीन, जनता की आवश्यक स्वतन्त्रताओं/अधिकारों का मूलभूत प्रपत्र है। अधिकारों पर विधायी हस्तक्षेप के विरूद्ध व्यक्त प्रतिबन्ध (अनुच्छेद 13) तथा न्यायिक पुनर्विलोकन (अनुच्छेद 32 एवं 226) द्वारा प्रतिबन्धों … Read more